Ritesh Pandey

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भारत तुझको प्रणाम!

भारत तुझको प्रणाम
तू भूमि नहीं तू खंड नहीं
तू आत्मा की खोजी है
तू विश्व की मार्ग गामी है
तेरा कोई सीमांत नहीं
तू विश्वव्यापी भवसागर है 
विश्वजन लिए अपनी नौका 
तैर रहे तेरे इस उपगम मे
तू धर्म जननी तु कर्म जननी
तू है प्रकृति की सौहार्द प्रिये
भारत सब मे रम जाए
हो जाय सब पूर्ण आजाद
भारत तुझको प्रणाम! 
सत्य सनातन तेरे रथ के 
मुक्ति ही तो घोड़े है
जो अनंत से चल रहे अनंत को जायेंगे 
भारत तेरे उपकारों को 
हम कभी ना चुका पाएंगे। 
भारत तुझको प्रणाम! 


~ रितेश पांडेय
@riteshpandey_10

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8 Comments

Chetna swrnkar

24-Aug-2022 11:52 AM

Bahot sunder 👌

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Seema Priyadarshini sahay

24-Aug-2022 07:57 AM

बेहतरीन रचना

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Alka jain

23-Aug-2022 07:04 PM

बेहतरीन

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Ritesh Pandey

23-Aug-2022 07:13 PM

❣️👍

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